Saturday, June 15, 2019

अनोखी मुहब्बत

एक बार जरूर पढ़े !

मां देख लो मैं कब से घर आया हुआ हूँ भूख से बुरा हाल है
अभी तक खाना गरम करके नहीं लाई आपकी लाडली
अभी लाई भाई
ये देखो शर्ट पर हल्का सा दाग़ वैसे ही है
तुम्हें तो कपड़े भी ठीक से वाश करने नहीं आते
लाओ भाई मुझे दे दो दोबारा वाश कर दुंगी
ये पहन लो कल ही मां से नई मंगवाई है आपके लिए
उफ्फ खाने में इतनी मिर्ची
पता नहीं कब खाना बनाना आएगा इस चुड़ैल को
मां आप खुद बना लिया करें ना
ऐसा खाना मुझसे नहीं खाया जाता
मां बोलीं बेटा यहां बनाना सीख जाएगी तो
ससुराल में अच्छा बनाएगी
इसलिए इससे बनवाती हूँ सब
मतलब इसकी शादी तक बर्दाश्त करना पड़ेगा
मां मुझे घूरने लगी
अब पता ही नहीं चला कब वक्त गुज़र गया
और इस चुड़ैल की शादी का दिन आ गया
सुबह से ऐसा लग रहा था कुछ छिनने वाला है आज
वही बहन जिससे बात बात पर लड़ता था
आज जान से प्यारी लग रही थी
आज सिर्फ उसकी ही फिक्र थी
फिर विदाई के समय खुद बच्चों की तरह रोता देखा  हूँ
यूँ लग रहा है जैसे दुनिया लुट गई हो
हर वक्त बहनों से लड़ते हैं हम
मगर जब ये वक्त आता है तो लगता है
जैसे जिस्म से जान ही निकल जाती है ।

असली पूजा

ये  लड़की  कितनी नास्तिक  है ...हर  रोज  मंदिर के  सामने  से  गुजरेगी  मगर अंदर  आकर  आरती  में शामिल  होना  तो  दूर, भगवान  की  मूर्ति ...