Sunday, September 8, 2019

फिकर - एक मार्मिक कहानी रिश्तों की

माँ ...बताओ न पापा कैसे बोलते थे
उनकी कुछ अवाजे सुनाओ न...करीब 10 साल की बेटी अपनी माँ पायल से जिद करती है..
तभी पायल अपने उन्हीं लम्हों मे खो जाती है जहाँ जिंदगी बेहद खूबसूरत थी...

दो प्रेमी एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे...मगर उनकी जाती एक न होने की वजह से उनके दोनों परिवार वाले इस रिश्ते से मंजूर नहीं थे। वह एक दूसरे के बिना बिलकुल भी जी नहीं सकते थे...इसलिए दोनों ने अपने अपने घरवालो के खिलाफ जाकर अपनी मर्जी से शादी करके एक दूसरे शहर मे जा बसे...लड़का बेहद मेहनती था इसलिए वह हर काम दिल लगाके करने लगा और इधर लड़की भी पढ़ी लिखी थी और खासकर math मे उसकी पकड़ बहुत ज्यादा थी...इसलिए वह घर पर ही tuition पढ़ाने लगी...देखते ही देखते 2 साल बित गये...इन दो सालों मे पैसे भी अच्छे जमा हो गये। इन दोनों का प्यार अब पहले से भी ज्यादा गहरा हो चुका था...फिर एक दिन ए दो...दो से तीन हो गये...घर मे एक खूबसूरत बेटी ने जन्म लिया। दोनों की खुशी का कोई ठीकाना न रहा। लड़का अब बाप बन चुका था अब वह और भी ज्यादा जिम्मेदार से अपना काम करने लगा। मगर....कुछ दिनों बाद ही लड़की की जिंदगी नरक जैसी बन गई..अब लड़का हर बात पे अपनी पत्नी की गलतियाँ निकालने लगा। चाहे खाना हो चाहे कपड़े हो चाहे कुछ भी हो,लड़की अक्सर अकेले मे रोती रहती थी...बेटी तो गोद मे थी, उसे कुछ पता नहीं था की मम्मी पापा के बिच क्या हो रहा है। कब तक बर्दाश्त करती लड़की, अब वह भी जवाब देने लगी थी..
घर मे हर वक्त अशांति का माहौल बन गया था,
पत्नी - शायद अब मैं एक बच्ची की माँ बन गया हूँ और तुम्हारा मन शायद किसी कुंवारी लड़की पर आ गया होगा इसलिए तुम रोज मुझसे झगडते हो।
पति- हाँ आया है क्या करोगी...मुझे छोड़ दोगी? छोड़ भी दिया तो तुमसे कौन शादी करेगा?
पत्नी- तुम्हें शायद पता नहीं की एक लड़की या एक औरत जब ठान ले कुछ करने को...तो दुनिया के हर मर्द को अपने काबू मे कर सकती है..मगर मैं ऐसा कभी नहीं करूँगी । शायद ये तुम्हारे घर के संस्कार होंगे मेरे नहीं।
 - चलो देखता हूँ मेरे बाद तुम्हें कौन बेवकूफ अपनाता है।
पत्नी - सीधे क्यों नहीं बोलते की...बेटी हुई इसलिए तुम मुझसे पिछा छुडाना चाहते हो।
लड़का चिल्लाकर लड़की पर हाँथ उठा देता है मगर रूक जाता है।
पत्नी - रूक क्यों गये हाँ?  सच कडुवा होता है न? शायद तुम निगल नहीं पाये।
लड़का गुस्से मे बाहर निकल जाता है। उस वक्त लड़की को अपने माँ बाप की बहुत याद आती है वह अपनी गलती पर पश्चाती है और अपनी मां को फोन करते करते रोने लगती है। फिर वह माँ को सब बता देती है। आखीर मां तो माँ ही होती है। फिर एक दिन लड़की के मां बाप अपनी बेटी को लेने आ जाते हैं । लड़के से बहुत कहासुनी होती है सास ससुर से। लड़की अपनी मां बाप की बेईज्जती सहन नहीं कर पाती और अपने पति पर हाँथ उठा देती है और गुस्से में समान पैक करके अपनी बेटी एंजल को लेकर माँ बाप के घर जाने को निकलती है तो लड़का कहता है। तू जा सकती है मगर मेरी बेटी एंजल तेरे साथ बिल्कुल नहीं जायेगी। लड़की के मां बाप लड़की से कहते है छोड़ दे इसकी बेटी को,
लड़की - नहीं मां, मुझे अब इसके सहारे तो जीना है फिर अपनी जिंदगी को कैसे इस दरिन्दे के हाथों छोड़ दूँ
माँ - आज तू चल...कल कोर्ट खुद तूझे तेरी बेटी दिलवा देगी।
लड़का - कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है। मेरी बेटी कोर्ट कभी नहीं जायेगी इसलिए तुम ले जा सकती हो।
लड़की तो गुस्से में थी इसलिए कुछ कहे बिना चली गई। लड़का भी कुछ देर बाद निकल जाता है घर से। तीन दिन बाद लड़के के पास लड़की का हस्ताक्षर किया हुआ तलाक पेपर आता है लड़का भी जल्दी से पेपर साईन करके वापस भेज देता है जैसे उसे भी जल्दी हो अपनी पत्नी छुटकारे का। इधर लड़का रोज फोन कर करके परेशान करता है अपनी पत्नी को ए कहकर,
देखा? मैंने कहा था न तूझे कोई लड़का नहीं मिलेगा?  अब तूझे फिर मेरे पास ही आना होगा ।
लड़की इस बात को चैलेंज की तरह लेती है। इधर लड़की के घरवाले उससे समझा बुझाकर शादी के लिए तैयार करते हैं । वैसे  लड़की बिलकुल नहीं चाहती थी फिर से शादी करना क्योंकि बेटी तो थी ही फिर क्या चाहिए था एक मां को मगर उसे उस दरिन्दे को जवाब भी देना था। इसलिये नफरत की आग मे जलकर वह दूसरी शादी के लिए तैयार हो जाती है

तलाक भी हो चुका था,
तलाक के बाद भी उसके पहले पति का फोन तो आता था मगर कयी दिन हो गये न फोन न कोई खबर आई थी उसकी
और इधर लड़की के घर मे जोर शोर से सगाई की तैयारी शुरू हो चुकी थी मगर
अचानक सगाई के एक दिन पहले लड़की के पास फोन आता है की..पुलीस थाने से की एक लवारीश लाश पड़ी मिली है और उसकी मोबाइल से आपका न0 मिला। हैरत की बात ए है की उस मोबाइल पे आपके अलावा कोई और न0 नहीं है। इसलिए आप एक बार आके लाश की शिनाख्त कर दीजिए।
लड़की अचानक परेशान हो जाती है और घर मे कीसी को न बताये बेटी को लेकर पुलिस स्टेशन पहुँच जाती है और देखते ही पहचान जाती है प्रिंस को। वह समझ नहीं पा रही थी की क्या करे और क्या कहे आखिर रिश्ता भी अब था ही कंहा
तलाक हो चुका था अब दोनों एक दूसरे के लिए अजनबी थे बस कुछ रिश्ता था तो बेटी एंजल की वजह से,
मगर न जाने क्यों आज फिर से उसकी मासूम भरे चेहरे को देखकर उसपे फिर से वही प्यार आया जो पहले करती थी। मर चुका था प्रिंस मगर मासूमीएत अब भी वही थी चेहरे पर
 वह प्रिंस जो कभी सिर्फ उसका था,  लड़की न चाहते हुए भी रो पड़ती है। अभी तीन महीने भी तो नहीं हुए थे दोनों अलग हुए अचानक प्रिंस कैसे मर गया
फिर भी रोते हुए पुलिस को सबकुछ बताके कहती है कि
हाँ कभी हम पति पत्नी थे मगर अब हम तलाक लेकर अलग हो चुके थे।
वह इतना कह तो देती है मगर दिल मे हजारों सवाल लिए
 वह जल्दी से अपने पुराने घर आती है। जहाँ एक बुढीया आके कहती है। लो बेटी ये चाभी आज से एक हफ्ते पहले प्रिंस ने दी थी । कहा की...पायल आये तो दे देना । फिर उसके बाद वह वापस नहीं आया। पायल जल्दी से घर खोलकर अंदर जाके देखती है..
पहली नजर दिवार जाती है जहाँ प्रिंस की तशबीर है और उसके उपर माला चढ़ा हुआ है और निचे लिखा था...I miss you payal forever
पायल गीरते गीरते बची..और जमीन पे बैठकें रोने लगी, अब वह सोचने लगी की...प्रिंस जानता था की वह मरने वाला है..मगर एक बात उसने मुझे क्यों छुपाई?
क्या मजबूरी थी अपनी बिमारी को छुपाने की आखिर मैं उसकी धर्मपत्नी थी
 मैं जमीन आसमान एक कर देती मेरे प्रिंस को बचाने के लिए। फिर वह आलमारी खोलके देखती है तो वहाँ कुछ वसीयेत के कागजात जो उसने सारे अपनी पत्नी पायल और बेटी एंजल के नाम की थी,कुछ डाक्टर के पेपर थे और छोटी सी चिठ्ठी । लिखा था, मेरी मोहब्बत मेरी जिंदगी मेरी अच्छी पायल, sorry पगली,
वादा करके भी मुकर गया मैं, जिंदगी भर साथ साथ निभाने के वादे करके बिच राह से ही मैं भाग निकला मै
 शायद तुम्हें ए चिठ्ठी मिले या न मिले मगर कभी मिले तो बस इतना याद रखना की प्रिंस सिर्फ तुम्हारा था, शायद तुम्हारी शादी हो चुकी होंगी पर एंजल को कभी खुद से जुदा मत करना।और हो सकता है कि शादी के बाद भी कुछ पल मेरी याद आये तो हमारी बेटी एंजलीज़ की
  धडकनो को सुनना जरा गौर से...वहाँ तुम्हें मैं मिलूंगा सदा धडकते हुए।
तुम सदा खुश रहना, हैरान हो न, एक प्रेमी अचानक कैसे हैवान हो गया?  पागल...मैं इतना नहीं करता तो तू मुझे कैसे नफरत करती। कैसे तुम मुझे छोड़ती हाँ ?
मैं मरने से पहले तुम माँ बेटी को सुरक्षित देखना चाहता था,
मरने का बिलकुल  डर या दुख नही था मुझे
मगर तुम दोनों की फिकर थी मुझे ।
इसलिए एक आशिक एक पति अपनों की फिकर मे दरिन्दा बन गया... तुम्हें भला बुरा कहा तुम्हारे मम्मी पापा को बुरा भला कहा मगर पगली...
मै बुरा नहीं था रे...बस जिंदगी मेरे खिलाफ थी
मैंने खुद की मौत की आहट सुन चुका था इसलिये मैंने अपनी जिंदगी के आखरी पलो मे अपनी पूरी ताकत लगा दी तुम्हारे नफरत के काबिल बनने का।
ताकी जब मेरे साँसें निकले तो तुम्हारी साँसें सलामत रहे
तुम मेरी बेटी की परवारीश कर सको
मुझे मांफ कर देना । बस तुम्हारा हैवान पति
पायल रोते रोते बेटी को लेकर उस डाक्टर के पास पहुँचती है जिसका पेपर घर मे मिला था,
पागलपन की हद से गुजर कर पायल एक साथ हजारों सवाल पूछती है डाक्टर से।
डाक्टर- बेटी - आज से 5 महीने पहले मेरे पास उसके दोस्त बेहोशी के हालात मे लाये थे। होश आने पर पूछा तो कहा की..पता नहीं डाक्टर मैं जल्दी थक जाता हूँ।
सिने मे कभी कभी सांसे रूक सी जाती है। कभी दर्द बरदास्त से बाहर होता है। मैंने ठीक से जांच की तो पाया की प्रिंस के दिल मे एक सुराख है और आखिरी स्टेज की ओर था, ऐसा नहीं की उसे बचाया नहीं जा सकता था मगर बड़ा जिद्दी निकला दिल का सुराख वाला, कहता है मेरे इलाज पे कम से कम 20 लाख तो लग जाएंगे। कहीं से उधार ले भी सकता हूँ  मगर फिर भी नहीं बचा तो सारी मुसीबत मेरी मासूम बिबी और मेरी धड़कन मेरी बेटी पर आयेगी, बिधवा का मतलब ही सबके बिच खिलौना होना है जब आपके पास कुछ न हो,
मेरे बचने की उम्मीद है भी और नहीं भी
अकेला होता तो आज जिंदगी और मौत की जुआ जरूर खेलता डाक्टर साहब
लेकिन अब मैं जुआ खेलने की हालत मे नहीं रहा क्योंकि मेरे साथ मेरी और दो अनमोल जिंदगी जुड़ी है
मेरी अच्छी पत्नी और मेरी प्यारी बेटी
मेरे पास थोडे बहुत पैसे जरूर है मगर मैं मेरे इलाज से बेहतर मैं उन दोनों की जिंदगी सुरक्षित करके मरना चाहता हूँ। ताकि मेरे जाने के बाद भी वह सर उठाके इज्जत की जिंदगी जी सके,।
सच बेटी पागल था जिद्दी था मगर सिर्फ तुम दोनों के लिए। वरना ऐसी अद्भुत मोहब्बत देखने को कहाँ मिलती है इस जहाँ में।
पायल खुद को सम्भाल नहीं पा रही थी पागलों जैसी हालत हो चुकी थी
फिर रोते बिलखते जल्दी से जाके थाने से प्रिंस की पार्थिव शरीर लेती है और फिर अपने पुराने घर जाके गाँव वालों से मिलके पूरे सम्मान के साथ खुद अग्नि देती है प्रिंस को।
पायल फिर वापस अपने मां बाप के घर जाकर उनको प्रिंस का खत देती है फिर जवाब का इंतजार किये बिना
 बिदा लेकर सदा सदा के लिए अपने घर आ गई अपनी बेटी के साथ जहाँ वह थी उन दोनों की बेटी और सिर्फ प्रिंस था...
तभी एंजल चिल्लाती है । अरे माँ तू कहाँ खो गई
बता न मेरे पापा कैसे बोलते थे।
पायल अपनी पलकों के आशुओ को साफ करते हुए भरे गले से मुस्कुराके कहती है बेटी से
करिब आ मै तेरे पापा मेरे प्रिंस की अवाज तूझे सुनाता हूँ.. तेरी धडकनो में
एंजल -मेरी धडकनो में?  कैसे मां
पायल - तेरे पापा कहते थे की मेरी धड़कन मेरी बेटी को सदा सम्भाल के रखना । कभी भी मेरी अवाज सुनने को दिल करे...बेटी की धडकनो को सुन लेना
एंजल बड़ी मासूमीएत से अपनी मां से लिपटकर कहते है
तब तो मेरी धड़कन को सदा धड़कना होगा मेरे पापा के लिए है न मां?
पायल जोर से बेटी को अपने सीने मे लिपटाकर कहती है
हाँ मेरी गुड़िया हाँ  |

असली पूजा

ये  लड़की  कितनी नास्तिक  है ...हर  रोज  मंदिर के  सामने  से  गुजरेगी  मगर अंदर  आकर  आरती  में शामिल  होना  तो  दूर, भगवान  की  मूर्ति ...