Wednesday, September 11, 2019

गृहस्थी


संत कबीर   रोज सत्संग किया करते थे दूर-दूर से लोग उनकी बात सुनने आते थे .
एक दिन सत्संग पूरा होने पर भी ...एक आदमी बैठा ही रहा कबीर ने कारण पूछा तो वह बोला -मुझे आपसे कुछ पूछना है ....
मैं गृहस्थ हूँ घर में सभी लोगों से ...मेरा झगड़ा होता रहता है खासकर अपनी पत्नी से ....
मैं जानना चाहता हूँ, कि मेरे यहाँ गृह क्लेश क्यों होता है, और वह कैसे दूर हो सकता है ......
कबीर थोड़ी देर चुप रहे....
फिर उन्होंने अपनी पत्नी से कहा -सुनो जरा लालटेन जलाकर लाओ....कबीर की पत्नी लालटेन जलाकर ले आई....वह आदमी भौंचक देखता रहा, और
सोचने लगा - इतनी दोपहर में कबीर ने लालटेन क्यों मंगाई ...
थोड़ी देर बाद कबीर बोले -सुनो कुछ मीठा दे जाना.....
इस बार उनकी पत्नी .. मीठे के बजाय ..
नमकीन देकर चली गई.
उस आदमी ने सोचा कि -ये मे कहा फंस गया यह तो शायद पागलों का घर है.....
मीठे के बदले नमकीन
और दिन में लालटेन...
वह कुछ निराश होते बोला -कबीर जी ! मैं चलता हूँ.
कबीर ने पूछा -आपको अपनी समस्या का समाधान
मिला या अभी कुछ संशय बाकी है ....
वह व्यक्ति बोला -समाधान.... ये कैसा समाधान है..
मेरी समझ में कुछ नहीं आया.
कबीर ने कहा -जब मैंने लालटेन मंगवाई
तो मेरी घरवाली कह सकती थी -तुम सठिया गए हो क्या ....इतनी दोपहर में ...लालटेन की क्या जरूरत ...
लेकिन नहीं ... उसने सोचा कि जरूर किसी काम के लिए लालटेन मंगवाई होगी....
जब मीठा मंगवाया, तो ...वह नमकीन देकर चली गई.
हो सकता है, घर में ...कोई मीठी वस्तु न हो.
यही सोचकर ... मैं चुप रहा.....
इसमें तकरार क्या ....
आपसी विश्वास बढ़ाने, और
तकरार में न फंसने से ...
विषम परिस्थिति अपने आप दूर हो गई....
उस आदमी को हैरानी तो हुई मगर वह समझ गया कि कबीर ने, यह सब ...उसे बताने और समझाने के लिए किया था.....
कबीर ने फिर कहा ....
गृहस्थी में आपसी विश्वास से ही
तालमेल बनता है.
आदमी से गलती हो तो ...औरत संभाल ले. ....
और औरत से कोई त्रुटि हो जाए तो ...पति उसे नजर अंदाज कर दे.....यही गृहस्थी का मूल मंत्र है....
दोस्तों घरों मे लडाई झगड़े कयो होते है ...
वजह सिर्फ अहम और विश्वास की कमी के चलते ..पति पत्नी एकदूसरे के पूरक होते है ये दोनों को पता है इसीलिए गर एक से कोई गलती हो तो दूसरे को समझदारी दिखाते सयंम से काम लेते उसे प्यार से नाकी गुस्से से ....उस समस्या का समाधान करना चाहिए ..एकदूसरे मे कमियों को कम और विश्वास को अधिक महत्व देना चाहिए फिर देखिए जीवन की ये गाड़ी गड्डो वाली सडको पर भी सुगमता से दौडेगी ..

असली पूजा

ये  लड़की  कितनी नास्तिक  है ...हर  रोज  मंदिर के  सामने  से  गुजरेगी  मगर अंदर  आकर  आरती  में शामिल  होना  तो  दूर, भगवान  की  मूर्ति ...